Drug & Pharmaceuticals Exports from India
भारत, विश्व में चिकित्सा वस्तुओं का 12 वां सबसे बड़ा Exporter(Supplier) है।
भारत वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं, और किफायती टीकों के निर्माण और आपूर्तिकर्ताओं में सबसे बड़ा प्रदाता(Supplier) है।
भारतीय pharmaceutical उद्योग ने पिछले 9 वर्षों में 9.43% CAGR की दर से विकास किया है|
भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार भारत का घरेलू बाज़ार आगामी दशक में 3X(तीन गुना) तक बढ़ने की संभावना है।
भारत चिकित्सा क्षेत्र में HIV के सबसे सस्ते इलाज़ के लिए जाना जाता है।विश्व में HIV के सबसे कम लागत वाले टीकों का निर्माण और आपूर्तिकर्ताओं में भारत सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक हैं।
कम कीमत और उच्च गुणवत्ता की दवाओं के कारण भारत की दवाओं को दुनियाभर में माँग है।
कैंसर के निदान के लिए 21 दिसंबर 2020 को कैंसर के रोगियों के लिए प्रशिक्षण और वैज्ञानिक अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवाओं ,निदान और इसके उपचार में सहयोग के लिए भारत के Tata Memorial center और Vietnam national cancer hospital के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
FDA Approved संयंत्रों(Manufacturing Plant) की सबसे बड़ी संख्या भारत में है।
2021 में भारत का घरेलू फार्मास्यूटिकल बाज़ार US$42 बिलियन पर रहा।
भारत वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं, और किफायती टीकों के निर्माण और आपूर्तिकर्ताओं में सबसे बड़ा प्रदाता(Supplier) है।
भारतीय pharmaceutical उद्योग ने पिछले 9 वर्षों में 9.43% CAGR की दर से विकास किया है
भारत चिकित्सा क्षेत्र में HIV के सबसे सस्ते इलाज़ के लिए जाना जाता है।विश्व में HIV के सबसे कम लागत वाले टीकों का निर्माण और आपूर्तिकर्ताओं में भारत सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक हैं।
कम कीमत और उच्च गुणवत्ता की दवाओं के कारण भारत की दवाओं को दुनियाभर में माँग है।
कैंसर के निदान के लिए 21 दिसंबर 2020 को कैंसर के रोगियों के लिए प्रशिक्षण और वैज्ञानिक अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवाओं ,निदान और इसके उपचार में सहयोग के लिए भारत के Tata Memorial center और Vietnam national cancer hospital के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
FDA Approved संयंत्रों(Manufacturing Plant) की सबसे बड़ी संख्या भारत में है।
वर्तमान में भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग उत्पादन में volume के हिसाब से विश्व मे तीसरे स्थान पर आता है।
फार्मास्यूटिकल उद्योग में कुल वैश्विक माँग का 50% आपूर्तिकर्ता केवल भारत है और अमेरिका में कुल माँग का 40 % आपूर्ति भारत से होती है वहीं ब्रिटेन की कुल माँग का 25 % आपूर्ति भारत से की जाती है।
इससे ये आयात चलता है कि वैश्विक स्तर पर कुल माँग की पूर्ति में भारत से 50% दवाएँ और वैक्सीन की supply और manufacturing में भारत बहुत आगे है।
भारत के अगर घरेलू दवा उद्योग की बात की जाए तो भारत मे लगभग 3000 दवा कंपनियां, और लगभग 10500 manufacturing plant स्थित हैं।
वर्तमान में HIV AIDS (Acquired Immune Deficiency Syndrome) से निपटने के लिए जिस Antiretroviral दवा का उपयोग किया जाता है उसकी विश्व स्तर पर 80% दवाओं की आपूर्ति अकेले भारत की दवा कंपनियों से की जाती है।
भारत का फार्मास्यूटिकल उद्योग उत्पादन की मात्रा के हिसाब से तीसरा मूल्य(Value)के हिसाब से 14 वां सबसे बड़ा देश है।
भारत के फार्मास्यूटिकल उधोग के बाज़ार के आकार(Market size) की बात की जाए तो 2024 तक US$ 65 बिलियनऔर 2030 तक US$ 130 बिलियन तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
2022 में भारत की Biotechnology industry का आंकड़ा पिछले वर्ष से 14% की बढ़त के साथ US$80.12 बिलियन पर पहुंच गया है।
भारत मे अगर FDI equity inflow की बात की जाए तो वहां भी भारत में
april 2000- दिसंबर 2022 की अवधि में FDI का equity inflow US$ 21.22 बिलियन है।
Pharmaceutical उधोग में बड़े राज्य हैं-कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना।
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